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सजा के एलान के बाद राहुल गांधी का आया बयान सामने

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ‘मोदी सरनेम’ मानहानि मामले में कोर्ट में माफी मांगने से इनकार करते हुए कहा कि मेरा बयान राजनीतिक था। राहुल गांधी ने अदालत में कहा कि मैंने एक राजनीतिक नेता की हैसियत से बयान दिया था। उन्होंने कहा कि करप्शन पर बोलना मेरी जिम्मेदारी है और मैंने अपना फर्ज निभाया है। राहुल ने कहा कि मैं माफी नहीं मांगूंगा, मुझे कोर्ट की दया नहीं चाहिए। अदालत से सजा सुनाए जाने के बाद राहुल गांधी ने महात्मा गांधी के प्रसिद्ध कथन ‘मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है। सत्य मेरा भगवान है, अहिंसा उसे पाने का साधन।’ को ट्वीट किया। ये मामला मोदी सरनेम पर की गई विवादित टिप्पणी का है। दरअसल, 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी ने कर्नाटक के कोलार में एक रैली के दौरान कहा था, “नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी का सरनेम एक ही क्यों है? सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?” राहुल की इस टिप्पणी को लेकर भाजपा विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने शिकायत दर्ज कराई थी। राहुल के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज हुआ। बीजेपी नेता का कहना था कि राहुल गांधी ने इस टिप्पणी से पूरे मोदी समुदाय को बदनाम किया।मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एचएच वर्मा की अदालत ने IPC के सेक्शन 504 के तहत गांधी को दोषी करार दिया, जो शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करने से संबंधित है। फैसला सुनाए जाते समय राहुल गांधी अदालत में मौजूद थे। वह आज सुबह ही सूरत पहुंचे थे।

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