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मनीष सिसोदिया की जमानत अर्जी पर सुनवाई टली, अब 28 अप्रैल को आएगा फैसला

शराब घोटाला मामले में दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को राहत मिलती नजर नहीं आ रही है. राउत एवेन्यू कोर्ट ने बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय ED द्वारा जांच की जा रही दिल्ली आबकारी नीति मामले में आप नेता सिसोदिया की जमानत याचिका पर अपना फैसला टाल दिया. राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एम.के. नागपाल अब 28 अप्रैल को फैसला सुनाएंगे. उन्होंने 18 अप्रैल को सिसोदिया की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था.अदालत ने एक दिन पहले मामले में सिसोदिया की न्यायिक हिरासत दो सप्ताह के लिए बढ़ा दी थी. ईडी ने पहले न्यायाधीश के समक्ष प्रस्तुत किया था कि सिसोदिया ने यह दिखाने के लिए बनाए हुए ईमेल दिखाए थे कि नीति के लिए सार्वजनिक स्वीकृति थी. ईडी ने दावा किया कि इन प्री-ड्राफ्ट ईमेल को भेजने के निर्देश दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जाकिर खान को दिए गए थे, जिन्होंने अपने इंटर्न से ईमेल भेजने के लिए कहा था. जांच एजेंसी ने यह भी कहा था कि सिसोदिया के खिलाफ जांच पूरी करने के लिए दिए गए 60 दिन अभी खत्म नहीं हुए हैं. इसने कहा कि उसे कथित घोटाले में सिसोदिया की संलिप्तता का संकेत देने वाले नए सबूत मिले हैं और जांच महत्वपूर्ण चरण में है.वहीं एक दूसरे मामले दिल्ली आबकारी नीति केस में भी सीबीआई ने मनीष सिसोदिया के जमानत का विरोध किया. दरअसल, दिल्ली हाई कोर्ट से सीबीआई का कहना है कि, ‘मनीष सिसोदिया को अगर जमानत दी जाती है, तो वह सबूतों और गवाहों से छेड़ छाड़ कर सकते हैं. ऐसे में सीबीआई ने दिल्ली हाई कोर्ट में मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका का विरोध किया. सीबीआई का कोर्ट से कहना है कि, मनीष सिसोदिया प्रभावशाली व्यक्ति हैं, वह लोगों पर दबाव डालने में सक्षम हैं. अगर वह रिश्वत के लिए लोगों पर दबाव डाल सकते हैं तो वह निश्चित रूप से गवाहों पर दबाव डाल सकते हैं.

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