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अतीक और अशरफ हत्याकांड की तीनों आरोपियों को कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा

माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या का मामले में तीनों आरोपियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया. जिसके बाद कोर्ट ने तीनों आरोपियों की 14 दिन की न्यायिक हिरासत बढ़ा दी है. 12 मई को आरोपियों को फिर से सीजेएम कोर्ट में पेश करना होगा. पुलिस ने आज सुरक्षा कारणों से ही वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेशी कराई. शूटर लवलेश तिवारी, अरुण मौर्य और सनी सिंह की ज्यूडिशियल कस्टडी रिमांड 12 मई तक बढ़ा दी गई है. तीनों आरोपी अभी प्रतापगढ़ की जिला जेल में बंद है, मामले की जांच कर रही एसआईटी 4 दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड लेकर पूछताछ कर चुकी है. माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या करने वाले शूटर्स को लेकर की गई जांच में एसआईटी को 4 मोबाइल नंबरों का पता चला है. इनमें लवलेश तिवारी और एक अन्य शूटर अरुण मौर्य का मोबाइल नंबर शामिल है. इन नंबरों को कॉल डिटेल भी एसआईटी को मिल गई है. पुलिस अब सीडीआर के जरिए पता लगा रही है कि वारदात से पहले शूटर्स ने किससे और कितनी बार बात की. बताया जा रहा है कि बांदा के रहने वाले शूटर लवलेश तिवारी ने हत्या से पहले आखिरी कॉल अपने भतीजे को की थी. इसी के साथ परिवार के लोगों से भी बातचीत की थी. इसके बाद उसने मोबाइल व सिम तोड़कर फेंक दिया था. दूसरे शूटर अरुण मौर्य ने अपना मोबाइल व सिम नोएडा में नष्ट कर दिया था. लवलेश ने 12 अप्रैल को लखनऊ में मोबाइल व सिम कार्ड नष्ट किया था. एसआईटी ने जांच में इससे जुड़े 24 अन्य लोगों को नोटिस जारी किया है, इनमें पुलिसकर्मी के साथ मीडियाकर्मी व पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर व अन्य लोग शामिल हैं. एसआईटी को शूटरों के पास से आधार कार्ड भी मिला, जो फर्जी था. आधार में नाम व पिता का नाम तो सही था, लेकिन पता गलत लिखा था. इस आधार में तीनों का पता चित्रकूट ही दर्ज था. एसआईटी को सीडीआर से कुछ ऐसे नंबर मिले हैं, जिसमें बी और सी पार्टी के बारे में भी पुलिस को जानकारी जुटा रही है.

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