कांग्रेस के पूर्व नेता और राजगोपालाचारी के परपोते सीआर केसवन बीजेपी में शामिल
कांग्रेस के पूर्व नेता और देश के पहले भारतीय गवर्नर-जनरल सी राजगोपालाचारी के परपोते सीआर केसवन भाजपा में शनिवार को शामिल हो गए। गौरतलब है, सीआर केसवन ने फरवरी में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। पार्टी में शामिल होने के बाद सीआर केसवन ने कहा कि मैं अपने घर के ऐसे लोगों को जानता हूं, जिन्हें पीएम आवास योजना के जरिए पक्के घर मिले। अब तक तीन करोड़ घर बन चुके हैं। एक बार अमित शाह ने कहा था कि डीबीटी पहले ‘डीलर ब्रोकर ट्रांसफर’ था, लेकिन अब यह ‘डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर’ हो गया है। यानी पहले डीलर की मदद से लोगों को घर दिए जाते थे, लेकिन अब सीधे पात्र लोगों को इसका लाभ दिया जाता है।सीआर केशवन ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को अपना त्यागपत्र भेजा था। सीआर केशवन ने इस्तीफे में लिखा था कि वह पार्टी के लिए बीते दो दशकों से काम कर रहे हैं लेकिन अब उन मूल्यों में कमी आई है, जो उन्हें पार्टी के लिए काम करने के लिए प्रेरित करते थे। केशवन ने लिखा कि पार्टी जो मौजूदा वक्त में दिख रही है, उसके साथ वह सहज महसूस नहीं कर रहे हैं। केशवन ने लिखा कि इसी वजह से उन्होंने हाल ही में राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले पार्टी के लिए कार्यक्रम की जिम्मेदारी नहीं उठाई और ना ही वह भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुए। केशवन ने लिखा कि अब समय आ गया है कि वह नए रास्ते पर आगे बढ़ें और इसलिए वह पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं। केशवन ने तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी चैरिटेबल ट्रस्ट के ट्रस्टी को भी अपना इस्तीफा भेज दिया है। केशवन ने अन्य पार्टी में शामिल होने की बात से फिलहाल इनकार किया है। हालांकि उन्होंने लिखा कि उन्हें खुद नहीं पता कि आने वाले वक्त में क्या छिपा है। सीआर केशवन ने 2001 में कांग्रेस की सदस्यता ली थी। इस दौरान वह राजीव गांधी नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ यूथ डेवलेपमेंट के उपाध्यक्ष पद पर भी रहे। सीआर केशवन ने सोनिया गांधी को धन्यवाद दिया और अपने परदादा सी राजगोपालाचारी के प्रति भी आभार जताया। इस्तीफे के बाद मीडिया से बात करते हुए सीआर केसवन ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि मुझे पार्टी छोड़ने के बाद कांग्रेस पर कोई टिप्पणी करनी चाहिए। मैं कांग्रेस में चल रही राजनीति में सहज महसूस नहीं कर रहा था। ऐसे में पार्टी को छोड़ना ही सही था, जो मैंने आज कर दिया।