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हिजाब और अनुच्छेद 370 का जिक्र कर बोले गुलाम नबी आजाद, कांग्रेस पर भड़के

पूर्व राज्यसभा सांसद और डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी के प्रमुख गुलाम नबी आजाद ने प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने पीएम मोदी को उदार बताया है। वहीं, कांग्रेस के जी-23 नेताओं के भाजपा के करीबी होने के आरोप का उन्होंने खंडन कर दिया।एएनआई से बातचीत में ग़ुलाम नबी आज़ाद  ने कहा, ”मैंने उनके साथ जो किया, उसके लिए मुझे मोदी को श्रेय देना चाहिए। वह बहुत उदार हैं। विपक्ष के नेता के रूप में मैंने उन्हें किसी भी मुद्दे पर नहीं बख्शा, चाहे वह धारा 370 हो या सीएए या हिजाब।आजाद ने कहा, ”उनके कुछ बिल मैंने पूरी तरह फेल कर दिए, लेकिन मुझे उन्हें श्रेय देना चाहिए कि उन्होंने एक राजनेता की तरह व्यवहार किया, उसका बदला नहीं लिया।”पूर्व केंद्रीय मंत्री ने इस आरोप पर कि वह और जी-23 के नेता भाजपा के करीबी हैं, कहा कि ऐसा कहने वाले मूर्ख है। अगर G23 भाजपा का प्रवक्ता था तो उसे कांग्रेस ने सांसद क्यों बनाया? उन्हें सांसद, महासचिव और पदाधिकारी क्यों बनाया है? मैं अकेला हूं जिसने पार्टी बनाई है। बाकी लोग अभी वहीं हैं। यह दुर्भावनापूर्ण, अपरिपक्व और बचकाना आरोप है। उन्होंने कहा कि नेहरू जी, राजीव गांधी, इंदिरा गांधी इस झटके को सहन कर सकते थे, उनमें सहनशक्ति थी, उन्हें जनता का समर्थन और सम्मान था और समय के साथ अपने काम से वे पलटवार कर सकते थे. वर्तमान कांग्रेस नेतृत्व का लोगों पर कोई प्रभाव नहीं है. आजाद ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने कहा कि मैं कांग्रेस को बेनकाब नहीं करना चाहता. नेतृत्व के साथ मेरे कुछ मतभेद हो सकते हैं, लेकिन कांग्रेस पार्टी या कांग्रेस की विचारधारा से मेरे कोई मतभेद नहीं हैं. मेरा कांग्रेस की विचारधारा या पहले के कांग्रेस नेतृत्व से कोई मतभेद नहीं है. बेशक मैंने अपनी किताब में नेहरू जी के समय में, इंदिरा जी के समय में, राजीव जी के समय में क्या गलत हुआ, इसका उल्लेख किया है, लेकिन मैंने यह भी कहा कि वे बड़े नेता थे. जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम आजाद ने बीते साल अगस्त में कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता सहित सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था. अपने त्याग पत्र में उन्होंने राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा था. उन्होंने इसके बाद डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी के नाम अपने नए राजनीतिक दल का गठन किया था. गुलाम नबी आजाद ने राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द किए जाने पर भी प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने कहा था कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी का लोकसभा से अयोग्य होना लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है. मैं इसके खिलाफ हूं, चाहे वह राहुल गांधी हों या लालू प्रसाद यादव या कोई अन्य सांसद या विधायक हो. एक तरफ एक जज ने फैसला सुनाया और दूसरी तरफ सांसद या विधायक को अयोग्य घोषित कर दिया. 

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