भारत और ऑस्ट्रेलिया : सीरीज काफी रोचक मोड़ पर पहुंच चुकी है और इस वक्त टीम इंडिया 2-1 की लीड लिए हुए है। लेकिन सीरीज का रिजल्ट क्या होगा, ये इसी मैच से तय होगा। आज का मैच इसलिए भी ऐतिहासिक है, क्योंकि जिस स्टेडियम में ये मैच खेला जा रहा है, वो दुनिया का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम है। इतना ही नहीं इस मैच में चार चांद लगाने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बनीस मौजूद रहे। ऐसा पहली बार हो रहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी अपने ही नाम के स्टेडियम में मैच देखने के लिए खुद मौजूद रहे। इस दौरान दोनों प्रधानमंत्रियों ने करीब एक घंटा गुजारा और सभी खिलाड़ियों से मुलाकात की। ये अपने आप में गजब का नजारा रहा। इस बीच मैच का रिजल्ट क्या होगा, ये तो आने वाले वक्त में पता चलेगा, लेकिन इतना जरूर है कि टॉस के वक्त काफी हद तक इसका अंदाजा हो गया था। अभी तक जो तीन मैच इस सीरीज में खेले गए हैं, उसमें टॉस की भूमिका काफी अहम रही है। बात शुरू करते हैं पहले टेस्ट मैच से, जो नागपुर में खेला गया था। तब टीम की कमान पैट कमिंस के हाथ में थी। उस मैच में रोहित शर्मा टॉस हार गए और पैट कमिंस ने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। लेकिन जब तीसरे दिन मैच खत्म हुआ तो टीम इंडिया ने पारी से मैच अपने नाम कर लिया। यानी रोहित शर्मा का टॉस हारना फायदे का सौदा साबित हुआ। इसके बाद दूसरा मैच दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में खेला गया। इस मैच में भी ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस ने टॉस जीता और यहां भी पहले बैटिंग का फैसला किया। इस मैच में भी ऑस्ट्रेलिया को छह विकेट से हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद आया तीसरा मैच जो इंदौर में खेला गया। इस मैच में ऑस्ट्रेलिया की कप्तानी स्टीव स्मिथ ने की, क्योंकि पैट कमिंस अपने किसी घरेलू काम से वापस वतन लौट चुके थे। इस मैच में रोहित शर्मा ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। लेकिन मैच का परिणाम इसके बिल्कुल उलट रहा। टीम इंडिया इस मैच को नौ विकेट से हार गई। यानी अभी तक जो तीन मैच हुए हैं, उसमें टॉस जीतने वाला कप्तान मैच हार रहा है। इसके बाद सभी की नजरें अहमदाबाद टेस्ट पर थी कि इसमें कौन टॉस जीतता है। एक बार फिर ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव स्मिथ ने टॉस जीता और पहले बैटिंग का निर्णय लिया। अब अगर उसी तरह की परम्परा निभाई जाती है, जो पहले तीन मैचों में हुई है तो फिर टीम इंडिया को ये मैच जीतना चाहिए। पहले तीन मैचों में जो पिचें बनाई गई थी, उसमें पहले ही दिन और पहले ही घंटे से स्पिनर्स हावी हो गए थे। यानी उनके लिए काफी मदद थी। लेकिन इस मैच में तस्वीर कुछ दूसरी है। यहां की पिच पर हरी घास दिख रही है और माना जाना चाहिए कि पिच उस तरह से पहले दिन व्यवहार नहीं करेगी, जैसी पहले तीन मैचों में कर रही थी, लेकिन इतना जरूर है कि दूसरे दिन से जरूर यहां पर स्पिनर्स के लिए कुछ मदद होगी। पिच में हल्का सा बदलाव शायद इसलिए भी किया गया होगा, क्योंकि पहले दो मैचों की पिच को आईसीसी ने औसत यानी एवरेज करार दिया था, वहीं तीसरे मैच को पुअर की रेटिंग दी। इसलिए माना जा सकता है कि शायद ये मैच तीन दिन में खत्म न हो और कम से कम चौथे दिन तो जाता हुआ नजर आ रहा है।
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