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‘द केरला स्टोरी’ के बाद अब ‘अजमेर 92’ भी विवादों में फंसी,क्यों हो रही बैन करने की मांग? 

हर शहर में कई कहानियां छिपी हुई हैं, जो यदि सामने आएं तो पूरे देश को झकझोर देंगी. बीते दिनों जब अदा शर्मा की फिल्म ‘दि केरल स्टोरी’ सामने आई तो यह खूब चर्चा में रही. अब इस तरह की और कहानियां धीरे-धीरे सामने आ रही हैं, जो पर्दे के पीछे काफी सालों से छिपी हुई हैं. साल 1992 में राजस्थान का अजमेर शहर पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया था, (अजमेर रपे केस 1992) जब कई लड़कियों के रेप और ब्लैकमेल की घटना सामने आई थी. ​इस घटना के जब तार से तार जुड़े तो कई नामी लोगों के नाम सामने आए थे. इस केस की पीड़िताएं सालों बाद अब भी हक की लड़ाई लड़ रही हैं. इसी केस पर अब एक फिल्म आ रही है ‘अजमेर 92 लेकिन इससे पहले इस पर बवाल कटना शुरू हो गया है. अजमेर में 1992 का साल आज भी चर्चा का विषय रहता है. रेप की सच्ची घटना पर आधारित फिल्म ‘अजमेर 92’ को पुष्पेन्द्र सिंह ने निर्देशित किया है. फिल्म करण वर्मा, सुमित सिंह, अलका अमीन, राजेश शर्मा, ईशान शर्मा, महेश बलराज, बृजेंद्र काला, मनोज जोशी आदि कई कलाकार शामिल हैं. फिल्म 14 जुलाई को रिलीज हो रही है और इसे उमेश कुमार तिवारी ने निर्मित किया है.‘दि केरल स्टोरी’ के बाद अब ‘अजमेर 92’ पर विवाद गहराता जा रहा है. जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने फिल्म पर बैन लगाने की मांग की है. जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अनुसार, यह फिल्म दरगाह अजमेर शरीफ को बदनाम करने के उद्देश्य से बनाई गई है. मौलाना महमूद मदनी के मुताबिक, ‘आपराधिक घटनाओं को धर्म से जोड़ने के बजाय इसके विरुद्ध संयुक्त संघर्ष की जरूरत है. वर्तमान समय में समाज को विभाजित के बहाने खोजे जा रहे हैं और आपराधिक घटनाओं को धर्म से जोड़ने के लिए फिल्मों एवं सोशल मीडिया का सहारा लिया जा रहा है’.सच्ची घटना पर आधारित फिल्म ‘अजमेर 92’ 250 लड़कियों की कहानी है, जिन्हें जाल में फंसाया गया, रेप किया गया और फिर ब्लैकमेल का सिलसिला चला. इस केस में अजमेर दरगाह के केयरटेकर्स का नाम भी उछला था. साथ ही कुछ नेताओं के नाम भी इस केस में सामने आए थे.

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